माफिया से नेता बने अतीक अहमद को 44 सालों में 100 से अधिक केस में पहली बार अपने किसी गुनाह की सजा दी गई है , उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट ने आज उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में जून 2019 में प्रयागराज से साबरमती केंद्रीय जेल में भेजा था। लेकिन अतीक को कोर्ट में केस की सुनवाई के लिए फिर प्रयागराज लाना पड़ा। फिर यूपी पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में उसे साबरमती से प्रयागराज 27 मार्च को लेकर आयी थी , अब जब कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है तो ,अतीक फिर से प्रयागराज से साबरमती जेल जाने की मांग कर रहा है।
अतीक ने सजा के एलान के बाद जज से क्या कहा ?
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद को अपना ही इलाका प्रयागराज रास नहीं आ रहा है ,उमेश पाल अपहरण कांड में जज ने उसे उम्र कैद की सजा सुना दिया ,उसके बाद अतीक ने जज से कहा कि मुझे यहां नहीं रहना ,मुझे वापस साबरमती जेल में भेज दिया जाये।
बता दे कि उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद , दिनेश पासी और अतीक के वकील सौलत हनीफ समेत तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 -ए के तहत दोषी ठहराते हुए जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने एक -एक लाख रुपए का जुर्माना और उम्र कैद की सजा सुनायी है। जुर्माना की यह राशि उमेश पाल के घर वालों को दी जाएगी।
17 साल पहले 2006 में उमेश पाल ने कोर्ट में 11अभियुक्तों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था। तीन को कोर्ट ने दोषी करार दिया जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सबूत के अभाव के कारण बरी कर दिया गया और एक आरोपी की पहले ही सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
कचहरी में वकीलों ने की फांसी की सजा की मांग –
अतीक अहमद को जब कोर्ट में लाया जा रहा था तभी कचहरी परिसर में उपस्थित वकीलों ने ‘फांसी दो…..फांसी दो ‘ के तेज तेज नारे लगाने लगे ,एक वकील ने तो जूता की माला भी ले आया था अतीक को पहनाने के लिए और कह रहा था की अगर मैं ये जूता की माला अतीक को पहना देता हु तो पाल समाज खुश हो जायेगा। कचहरी परिसर में उपस्थित वकीलों का कहना था कि अतीक ने हमलोगों के साथी उमेश पाल की हत्या कराई है। उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए।