रामनवमी शोभा यात्रा में बंगाल ,महाराष्ट्र और गुजरात में हिंसा

 

गुरुवार (30 मार्च ) को पुरे देश भर में रामनवमी बहुत उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान गुजरात ,महाराष्ट्र और बंगाल से हिंसा की खबरे भी सामने आई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लखनऊ ने रामनवमी के जुलूस को लेकर छात्रों में झड़प हो गई।

गुजरात के वडोदरा में पत्थरबाजी –

गुजरात में वडोदरा के फतेहपुरा में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ ,पुलिस आई और पथराव पर नियंत्रण कर ली ,लेकिन दुबारा भी पथराव होने लगता है ,जिससे भगदड़ मंच जाता है। जानकारी के मुताबिक ये पथराव तब हुआ जब रामनवमी के शुभ अवसर पर श्रीराम की शोभा यात्रा एक मस्जिद के सामने से निकल रही थी ,तभी पत्थरबाजो ने शोभा यात्रा पर पत्थरो की बरसात करने लगे , इसके बाद पुलिस आती है पथराव रुक जाता है फिर थोड़ी देर बाद दुबारा पत्थराव शुरू हो जाता है।

बंगाल में हावड़ा के काजीपुरा में हिंसा आगजनी तक पहुंची –

पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मोके पर हावड़ा के काजीपुरा में शोभायात्रा निकली जा रही थी , लेकिन इस दौरान किसी बात को लेकर झड़प होने लगी और माहौल इतना बिगड़ा की आगजनी तक पहुंच गया ,इस दौरान कई वाहनों और दुकानों को फुक दिया गया।

बंगाल में हावड़ा के शिबपुर में भी हिंसा –

जानकारी के मुताबिक हावड़ा के शिबपुर में शाम के समय विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने रामनवमी की शोभायात्रा निकली थी , इस दौरान किसी बात को लेकर हिंसा हुई , कई वाहनों को फुक दिया गया पत्थराव किये गए ,फ़िलहाल ये कह पाना मुश्किल है कि हिंसा की असली वजह क्या थी।


महाराष्ट्र में हिंसा –

महाराष्ट्र के किराडपुरा में रात के 12 :30 राममंदिर के सामने दो गुटों में जबरजस्त हिंसा होने की खबर सामने आ रही है। दो युवको के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई और वहा पर भारी तदाद में लोग एकत्रित हो गए ,इसके बाद बात इतनी बढ़ गई की पत्थराव शुरू होगये ,वाहनों में बदमाशों ने आग लगा दिया। पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति पर नियंत्रण कर लिया।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल –

रामनवमी पर फिर एक बार देश के अलग – अलग जगहों से तनाव की खबरे आ रही है ,पुरषोत्तम राम जिनको लोग अपना मार्गदर्शक मानते है सभी के लिए प्रेणना है ,उनके ही जन्म के उत्सव पर हिंसा को नहीं रोक पाना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा होता है। ऐसे धार्मिक उत्सवो के दौरान माहौल सम्भालने के लिए नागरिक कमेटियों से पुलिस को बात करनी होती है ,जो रुट तय किया गया है उसके अलावा कही और जुलुस को नहीं ले जा सकते ,जुलूस निकलने वाले रास्ते से ये सुनिश्चित किया जाता है कोई दूसरा धार्मिक स्थल तो नहीं अगर है तो वहां जुलूस को ज्यादा देर तक न रोका जाये। वहां आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था किया जाता है ,तो फिर इतने बड़े पर्व पर प्रशासन ने इतनी बड़ी चूक कैसी कर दी ?

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