भारतीय चुनाव आयोग 2024 के आम चुनावों से पहले देश मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियों की नई लिस्ट जारी कर सकता है। 2024 होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से जारी की जाने वाली ये लिस्ट काफी अहम है। इसमें कई ऐसी राजनीतिक पार्टियां भी हैं जिनके हाथ से राष्ट्रीय पार्टी का ताज छीना जा सकता है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पोल पैनल ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर पूछा था कि उनकी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों जारी रहना चाहिए?
बता दें कि 2019 के आम चुनावों के बाद कोविड के कारण इसे प्रक्रिया को रोक दिया गया था। अब ये प्रक्रिया पिछले महीने फिर से शुरू की गई थी। बताया जा रहा कि आयोग ने पहले ही एनसीपी, सीपीआई, टीएमसी और लगभग आठ राज्य दलों से इस बारे में पूछा है कि उनकी पार्टी का दर्जा क्यों जारी रखना चाहिए।
कुल कितनी राष्ट्रीय पार्टियां हैं
देश में कुल आठ राष्ट्रीय पार्टियां हैं। इनमें केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी, विपक्षी पार्टी कांग्रेस, टीएमसी, बीएसपी, सीपीआई और सीपीआईएम, एनसीपी और एनपीपी पार्टियां शामिल हैं। वहीं, गुजरात विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जाए या नहीं, इसे लेकर चुनाव आयोग रिव्यू कर रहा है।
कब मिलती है राष्ट्रीय दल कि मान्यता
1. पार्टी को लोकसभा या विधानसभा चुनावों में चार या उससे अधिक राज्यों में कम से कम 6 फीसदी वोट हासिल करने होते हैं। इसके साथ ही लोकसभा में उस पार्टी के कम से कम चार सदस्य होने चाहिए।
2. पार्टी लोकसभा की कुल सीटों में 2 फीसदी हिस्सेदारी रखती हो और इसके कैंडिडेट्स कम से कम तीन राज्यों से आते हों।
3. राजनीतिक पार्टी को कम से कम चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा मिला हो।
क्या-क्या सुविधाएं मिलती है राष्ट्रीय दल को
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर सार्वजनिक प्रसारकों पर चुनाव के दौरान फ्री एयरटाइम, नई दिल्ली में एक पार्टी कार्यालय के लिए जगह, राज्यों में एक जैसा पार्टी सिंबल। सिंबल ऑर्डर के अनुसार, एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता दी जा सकती है।