पश्चिम बंगाल और बिहार में रामनवमी पर हिंसा भड़कने के बाद 6 अप्रैल को हनुमान जयंती से पहले दोनों ही राज्यों में काफी सावधानी बरती जा रही है। बिहार और बंगाल में हालात को देखते हुए दोनों ही राज्यों की सरकार हाई अलर्ट पर है। हनुमान जयंती पर भक्त शोभायात्रा निकालने की तैयारी पर हैं।
पिछले साल यानी कि 2022 में दिल्ली, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हनुमान जयंती पर सांप्रदायिक हिंसा की खबर आई थी। इस बार हनुमान जयंती से पहले ही बंगाल सरकार ने भारी सुरक्षा बल कि तैनाती कि गई है।बता दें कि बंगाल में रामनवमी पर दो पक्षों में पत्थरबाजी के बाद कोलकाता में हुगली के दो इलाके रिसड़ा और श्रीरामपुर में धारा 144 लागू है। साथ ही हावड़ा के दो थाने शिबपुर और हावड़ा थाना में भी धारा 144 लागू है।
बिहार के नालंदा में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और दोपहर 2 बजे दोपहर तक दुकाने खोले जाने का आदेश है। साथ ही अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है।पूरे देशभर के कई राज्यों में हिंसात्मक घटनाओं को लेकर बिहार और बंगाल की सरकारे बीजेपी के निशाने पर हैं। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को हिंसक झड़प का जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है धारा 144
देश में कहीं भी सुरक्षा की दृष्टि को लेकर संदेह होता है, उसके लिए धारा-144 लागू किया जाता है। कहीं, विधान सभा, लोक सभा या पंचायत चुनाव हों या फिर कैसे भी चुनाव हों, तब भी धारा-144 लागू की जाती है। साथ ही कहीं अगर बवाल, हिंसा या दंगा हो जाए तो धारा-144 लागू की जा सकती है।
बता दें कि धारा लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए लगाई जाती है। किसी तरह के सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा 144 जहां लगती है, उस इलाके में 5 या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते। धारा लगने के बाद जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किया जा सकता है। इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है।