महिंद्रा समूह के पूर्व अध्यक्ष और उद्योगपति आनंद महिंद्रा के चाचा केशब महिंद्रा का 12 अप्रैल को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। इस खबर की पुष्टि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (INSPACe) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने एक ट्वीट में की।
गोयनका ने ट्वीट किया, “औद्योगिक जगत ने आज सबसे बड़ी शख्सियतों में से एक को खो दिया है। श्री केशव महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं था, सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं हमेशा उनसे मिलने के लिए उत्सुक रहता था और वह जिस तरह से व्यापार, अर्थशास्त्र को जोड़ते थे उससे प्रेरित था।” ओम शांति।”
जैसे ही केशब महिंद्रा के निधन की खबर वायरल हुई, रेमंड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया और इंफोसिस बोर्ड के पूर्व सदस्य मोहनदास पई ने उद्योग के दिग्गज को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्हें कंपनी कानून और मोनोपोलिस्टिक एंड रेस्ट्रिक्टिव ट्रेड प्रैक्टिसेज (MRTP) विधान और सेंट्रल एडवाइजरी काउंसिल ऑफ इंडस्ट्रीज सहित विभिन्न सरकारी समितियों में भी नियुक्त किया गया । उन्हें 1987 में फ्रांसीसी सरकार द्वारा शेवेलियर डी ल’ऑर्ड्रे नेशनल डे ला लीजन डी’होनूर से सम्मानित किया गया था। वह 2004 से 2010 तक प्रधान मंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद के सदस्य थे।
व्हार्टन से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, केशब महिंद्रा 1947 में महिंद्रा समूह में शामिल हुए । वह 1963 में महिंद्रा समूह के अध्यक्ष बने। महिंद्रा समूह का मुख्य व्यवसाय उस समय ऐतिहासिक विलीज जीप बनाना था। महिंद्रा 2012 में समूह के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए, अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को शासन सौंपते हुए।
महिंद्रा एसोचैम की एपेक्स एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य और एम्प्लॉयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट एमेरिटस भी थे। दिग्गज उद्योगपति ने टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, आईसीआईसीआई, आईएफसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और इंडियन होटल्स जैसी कंपनियों के बोर्ड और काउंसिल में भी काम किया है।वह हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HUDCO) के संस्थापक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के वाइस-चेयरमैन, महिंद्रा यूजीन स्टील के चेयरमैन, बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग के निदेशक और बॉम्बे बर्माह ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के भी संस्थापक थे।