अडानी ग्रुप के लिए आज एक बड़ा दिन है। अडानी ग्रुप और शार्ट सेलर फर्म हिंडेनबर्ग रिपोर्ट मामले की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं (PIL) और रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने के लिए SEBI की याचिका पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग वाली सेबी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की याचिका और दूसरी जनहित याचिकाओं पर समय की कमी के कारण मंगलवार 16 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। बता दें कि SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डालकर अडानी ग्रुप की जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा हैं। अब इस मामले में बुधवार 17 मई को शुरुआत होगी |
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एससी को सूचित किया कि सेबी जांच करने के लिए समय बढ़ाने की मांग कर रहा है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए छह महीने की जरूरत है।इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ धनंजय यशवंत चद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पर्दीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।
सेबी ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों की जांच के संदर्भ में, सेबी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोगों के संगठन (आईओएससीओ) के साथ बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत ग्यारह विदेशी नियामकों से संपर्क कर चुका है। इन नियामकों से जानकारी के लिए विभिन्न अनुरोध किए गए थे। विदेशी नियामकों के लिए पहला अनुरोध 6 अक्टूबर, 2020 को किया गया था, सेबी ने अदालत को अवगत कराया।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति में छह सदस्य शामिल हैं, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने तब सेबी को दो महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।