माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद प्रशासन पर तो सवाल उठेंगे ही ,आखिर ये किसकी लापरवाही से हत्या जैसी घटना को अंजाम दिया गया ,बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ , उमेश पाल हत्याकांड के मामले में पूछताछ के लिए चार दिन के उत्तर प्रदेश पुलिस कस्टडी में थे। साबरमती केंद्रीय जेल से बाहर निकलने के बाद माफिया अतीक अहमद ने आशंका जताई कि उसकी हत्या की जा सकती है तभी भी पुलिस से क्यों चूक हो गई है ? अपराधों के सरगना होने के कारण अतीक और अशरफ के जान को तो वैसे ही खतरा था ऐसे में पुलिस को और एतिहात बरतनी चाहिए। क्या अतीक-अशरफ का सुरक्षा देने में नाकाम रही पुलिस?
क्या कर रही है योगी सरकार ?
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने सरकारी आवास पर चर्चा की उन्होंने मुख्यमंत्री को अतीक और अशरफ की हत्या से जुड़े घटनाक्रम और मौजूदा परिस्थिति के बारे में जानकारी दी. सीएम योगी ने अधिकारियों को ग्राउंड पर जाने के निर्देश दिए हैं साथ ही प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद प्रयागराज जाने के निर्देश दिए हैं.
प्रयागराज में पीएसी और आरएएफ बल भी तैनात कर दिए गए है और धारा 144 लागू कर दी गई है. प्रयागराज से सटे जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लेते हुए तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। अतीक और असरफ के हत्या की जांच के लिए सीएम योगी ने तीन सदस्य जुडिशल कमिशन (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के आदेश दिए. अतीक अहमद के सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है।