अरुणाचल प्रदेश भारत का मह्त्वपूर्ण और सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है ,अरुणाचल प्रदेश की प्रकृति खूबसूरती को देख कर लगेगा की आप स्वर्ग में आ गए है ,बर्फ से ढकी पहाड़िया चमचमाती चोटि, खूबसूरत वादिया , अरुणाचल प्रदेश के लोग काफी सधारण होते है।
राज्य भर में 26 से ज़्यदा जनजाति निवास करते ,जो अपनी कला और संस्कृति से जुड़े हुए है ,अरुणाचल प्रदेश का लगभग 3 हिस्सा भाग हरियाली से घिरा है ,पहाड़ियों के बीच में बसा होने के कारण आज तक यहाँ कोई भी एयरपोर्ट नहीं बन पाया है.
अरुणाचल प्रदेश का उदय –
भारत के पूर्वोत्तरी इलाके एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है अरुणाचाल प्रदेश जहा चारो तरफ हरे भरे जंगल खूबसूरत वदिया नदियाँ और झरने दिखाई देते है, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर जहा लगभग सभी राज्यों से लोग देखने को मिलते है और उसे मिनी इंडिया के नाम से जाना जाता है। इटानगर का नाम वहा पर मौजूद इटा किला के नाम पर रखा गया है ,इटा एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला है ,जहाँ हमेशा दार्शनिको की भीड़ लगी रहती है।
अरुणाचल प्रदेश को LAND OF DOWN भी कहा जाता है ,यानि उगते सूर्य की धरती ,अरुणाचल प्रदेश ही ऐसा राज्य है जहाँ सबसे पहले सूर्य उदय होता है ,सूरज की पहली किरणे यहाँ 4 .30 बजे निकलती है ,अरुणाचल प्रदेश पूर्वोतर में सात बहनो में से एक प्रमुख नगर है ,लेकिन एक समय ऐसा भी था की अरुणाचल प्रदेश नाम का राज्य भारत में कोई नहीं था आजादी के कई साल बाद भी अरुणाचल प्रदेश को NEFA यानि नार्थ ईस्ट फ्रन्टियर एजेंसी के नाम जाता था साल 1972 में अरुणाचल प्रदेश को एक केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया और ये नाम बिभाबासु दास जी द्वारा रखा गया क्योकि ‘अरुणाचल प्रदेश’ का मतलब ही होता है ‘उगते सूर्य की धरती’.
घूमने की बेहद खूबसूरत जगह –
अरुणाचल प्रदेश की खूबसूरती सर्दियों के समय और बढ़ जाती है वहा किसी जन्नत से कम नहीं लगता है यहाँ चारो तरफ, बर्फ की चादर की ढकी हुई चोटिया ही नजर आती है ,जिसकी तुलना फिनलैंड राज्य से की जाती है ,अरुणाचल प्रदेश भारत में सबसे बड़ा अंतराष्ट्रीय सिमा शेयर करता है ,यह तीन देशो से चीन ,भूटान,म्यांमार के साथ कुल 1603 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
अरुणाचल प्रदेश में देश के सबसे पुराने बौद्ध मॉनिस्टरी है जो तवांग जिले में स्थित है ,ये मॉनिस्टरी 400 साल पुरानी है और दुनिया भर के अनुवाइयो के लिए ये जगह बहुत खास है यहाँ पर दूर दूर से लोग मेडिटेशन के लिए आते है ,तवांग अरुणाचल प्रेदेश का बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन पर्यटक स्थल मन जाता है जहा प्रकृति के अद्भुत नजारे देखने को मिलते है। यहाँ की बर्फीली चोटिया और बर्फीली दराये रोंचकरि यात्रा का अनुभव करती है यहाँ के सूंदर झीले और शांत झरने देख कर आपको यही बस जाने का मान करेगा।
तवांग कई प्राचीन और खुबसूरत मठो के लिए भी प्रसिद्ध है याक की सवारी पहाड़ो पर बने होटल उसके आसपास फुल की घाटी बेहद खूबसूरत नजारे है। तवांग को लेकर भारत और चीन का हमेशा से ही विवाद रहा है साल 1962 के युद्ध में चीन अरुणाचल प्रदेश के काफी अंदर तक दाखिल हो गया था तब से लेकर आज तक चीन तवांग जिले के साथ साथ अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मनता आया है।
अरुणाचल प्रदेश की जनसख्यां –
अरुणाचल प्रदेश में 26 से ज़्यदा जनजाति निवास करते है और वे अपने कला और सस्कृति से जुड़े हुए है ,यहाँ की जान संख्या 16 लाख के आसपास है ,और ये भारत का तीसरा सबसे काम आबादी वाला प्रदेश है यहाँ प्रति वर्ग किलो की एरिया में सिर्फ 17 लोग ही रहते है और अरुणाचल प्रदेश में कुल 18 जिले है। अरुणाचल प्रदेश की खास बात है की वहा 30 से अधिक भाषाये बोली जाती है ,वैसे तो वह बोलचाल की भाषा हिंदी ,अंग्रेजी दागिन और डाफिया है.
अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यस्था –
अरुणाचल प्रदेश देश की अर्थव्वस्था मवे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अरुणाचल की जीडीपी ₹0.234 lakh crore (US$3.3 billion) है ,यहाँ की अर्थव्वस्था को मुख्य आधार कृषि है यह की 80% जनता कृषि कार्यो में लगी हुई है ,यहाँ की अर्थव्यस्था मुख्य रूप से झूम खेती पर आधारित है
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