अडानी ग्रुप की शेयरर्स में आए दिन गिरावट देखने को मिल रही है, और अडानी ग्रुप के कंपनियों की शेयरर्स में गिरावट का सिलसिला रूकने का नाम नही ले रहा है।सोमवार के दिन अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड इन सभी कंपनियों के शेयरर्स में गीरावट देखने को मिली।
इस कारण कंपनी दबाव में नजर आ रही है, लगातार गिर रहे शेयर की वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइजेशन घटता नजर आ रहा है।आज के कारोबार में हिस्सेदारी बेचने के दबाव के कारण अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया है।
जैसा कि पिछले एक महीने में अदानी ग्रुप के निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं। साथ ही अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 7 लाख करोड़ के नीचे आ गया है। और सोमवार को कारोबारी सत्र में ग्रुप के मार्केट कैप में 26,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। और अडानी ग्रुप के 10 में से 9 शेयर लाल निशान पर बंद होगये हैं।
अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने हिंडनबर्ग के रिसर्च की रिपोर्ट का खंडन किया और उन्होंने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया। जुगशिंदर सिंह ने कहा है कि जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उनमें कोई फैक्ट नहीं है। और साथ ही इसे उन्होंने दुर्भावना से प्रेरित भी बताया है।
जुगशिंदर सिंह ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या मैट्रिक्स को वेरिफाई करने की कोशिश नहीं की है। और उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा है कि यह रिपोर्ट गलत सूचनाओं से भरी है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट यह दावा करती है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हो गई है। अगस्त, 2022 में फिच ग्रुप की एक फिक्स्ड इनकम रिसर्च फर्म क्रेडिटसाइट्स ने ग्रुप के कर्ज पर चिंता इसलिए जताई थी। कि क्रेडिटसाइट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कर्ज 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया था।