बिपिन रावत की आज जयंती मनाई जा रही है ,भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टॉफ (CDS ) बिपिन रावत का नाम सुनकर दुश्मन भी कांप जाते थे ,देश के प्रति इतना प्यार ,निष्ठा और समर्पण की कोई भी देश को हानि पहुंचने की कोशिश करता वो दुश्मन को पल भर में धूल चटा देते। कोई देश के तरफ आँख उठाने की कोशिश करता वो उसकी आँख निकलने में जरा भी नहीं सोचते थे।
जनरल बिपिन रावत का जीवन परिचय –
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था इनका पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत था ,इनकी कई पीढ़िया देश की सेवा करती आई है ,इनके पिता भी देश की सेवा करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। इनकी पढ़ाई देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से हुई।
देहरादून के भारतीय सेना अकादमी से प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अमेरिका के फोर्ट लीवनवर्थ कंसास में यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज से हायर कमांड कोर्स किया ,मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन से एमफिल ,प्रबंधन और कम्प्यूटर अध्ययन से डिप्लोमा हासिल किया। बिपिन रावत को चौधरी चरण सिंह से 2011 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया।
सैन्य करियर की बड़ी सफलताएं –
देश सेवा में बिपिन रावत ने 43 साल में कई बड़े अभियानों पर बड़ी सफलताएं पाए है ,उन्होंने अपने सैन्य सेवा की शुरुआत 16 दिसम्बर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन से की थी ,और 2021 में अपने मृत्यु तक देश सेवा में लगे रहे।
साल 2015 में म्यांमार में क्रॉस – बॉर्डर के समय कड़े ऑपेशन के बाद कई आतंकवादियों को मार कर ढेर करने के पीछे जनरल रावत ही थे ,उन्होंने उग्रवादियों को ख़त्म करने में भी अहम भूमिका निभाई है ,जनरल रावत ने पाकिस्तान में कई सर्जिकल स्टॉइक के योजनाए भी तैयार किये है।
दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हुए –
तमिलनाडु के कुन्नूर के पास 8 दिसम्बर 2021 को एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में वो शहीद हो गए थे। उनके साथ में उनकी पत्नी और 14 लोग भी स्वार थे ,सभी ने अपनी जान गवाई थी , आज भी उनके द्वारा देश के लिए गए साहसी फैसलों को देश हमेशा याद करता है, चीफ आफ डिफेंस स्टॉफ (CDS ) तौर पर सीमा सुरक्षा के लिए कभी कड़े कदम उठाना हो या सशस्त्र बल का मनोबल बढ़ाना हो उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।