कोरोना वायरस के भय से अभी लोग उबर ही नहीं पाए है की एक नई बीमारी ने दस्तक दे दिया है। WHO एक बार फिर नींद उडी हुई हैं। मारबर्ग वायरस नामक बीमारी ने दस्तक दे दिया है ,जिससे 9 लोगों की जान भी जा चुकी है और हजारों लोगो को क्वारंटाइन किया गया है।यह बीमारी कोरोना वायरस से भी खतरनाक मानी जा रही है इससे 88 प्रतिशत लोगो की मौत हो जाती हैं।
मारबर्ग वायरस कैसे फैला –
कोरोना वायरस मारबर्ग वायरस की शुरुआत अफ्रीका देश के इक्वेटोरियल गिनी से हुआ है , वहा अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों में एक जैसे बीमारी के लक्षण देखे गए और उन लोगो की मौत हो गई ये संक्रमण जहा पाया गया है किसी को भी आने जाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है और वो लोगों भी क्वारंटाइन हो रहे हो जो लोग वायरस से संक्रमित लोगो से जुड़ाव में थे।
इक्वेटोरियल गिनी के स्वास्थ मंत्री ने बताया की जिन दो गांव के लोग में संक्रमण पाया गया वही किसी को भी जाने से मना है और वो लोग भी क्वारंटाइन का पालन कर रहे है जो लोग संक्रमित लोगों से मिले हुए थे ,करीब 16 लोग संदिग्ध है और तीन चार हजार लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और 9 लोगों की मौत हो गई है।
कोहराम मचाया वायरस –
कोरोना वायरस ने ऐसा तबाही मचाया है पुरे विश्व में की लोगों के अंदर किसी भी वायरस को लेकर लोगों के अंदर डर बैठ गया है. कोरोना वायरस साल 2019 दिसम्बर में चीन के वुहान शहर से शुरू हो कर देखते देखते पूरी दुनिया को चपेट में लेकर तबाही मचा दिया। शहरो में गांवो में गलियों में लाशो का ढेर लग गया।
अभी करोना वायरस से लोग पूरी तरह उबर ही नहीं पाए थे की अफ्रीकी देशों में मारबर्ग नामक वायरस ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है लोगों में इस वायरस को लेकर कोहराम मचा हुआ है। वैसे तो आये दिन नए वायरस की खबरे आती रहती है लेकिन जिस तेजी से मारबर्ग वायरस का संक्रमण फ़ैल रहा है, उससे WHO (विश्व स्वस्थ संगठन ) की नींद उड़ गई है।
मारबर्ग वायरस के लक्षण –
मारबर्ग वायरस के संक्रमण के लक्षणो की बात करते हुए काउंसलिंग ऑफ सायंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR )के इंस्टीयूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र नरायण कहते है ,”मारबर्ग उसी फिलोविरिदा फैमिली का वायरस है ,जिससे इबोला वायरस आता है और ये मुख्य रूप से चमगादड़ से फैलता है .
इसके मुख्य लक्षण ,बहुत तेज बुखार आना , सिर में असहनीय दर्द होना ,उल्टी होना और उल्टी के साथ खून आना ,मोशन के साथ भी खून आना ,नाक से रक्त स्रवा होना ,जोड़ों में तेज दर्द होना ,भूख नहीं लगाना थकना और कमजोरी महसूस होना इसके सर्वाधिक लक्षण है। इस वायरस की सबसे डराने वाली बात ये है की संक्रमित होने वाले लोगो में मृत्युदर 88 प्रतिशत है यानि की 100 लोगों में 88 लोगों की जान बचा पाना लगभग असंभव है।
मारबर्ग वायरस का क्या है इलाज –
अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में जो मारबर्ग वायरस का संक्रमण फ़ैल रहा है वायरस कोई नया नहीं है लेकिन साल 2004 -2005 के बाद इस वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से केस बढ़ा .बीते 10 सालो में इस वायरस से संक्रमित केश गिने – चुने ही आते थे लेकिन अभी बहुत तेजी से ये बढ़ रहा है ,
हालांकि साल 2004 -2005 में अंगोला में इस वायरस से 252 लोग संक्रमित हो हुए थे ,जिनमे 229 लोगों की मौत हो गई थी ,अंगोला की तरह ही इस वायरस को खतरनाक माना जा रहा है . चिंता की बात है की इतने खतरनाक वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है और ये बहुत तेजी से अपना पैर फैला रहा है।
मारबर्ग वायरस का अभी ना तो कोई इलाज है ना तो कोई टीका , भारतीय वैज्ञानिक डॉक्टर जितेंद्र नरायण बताते है कि ,” कई मामलों में मलेरिया ,टाइफाइड बुखार ,शिगेलोसिस ,मेनिन्जाइटिस और अन्य संक्रमण बुखार जिसमें शरीर से ब्लीडिंग होने लगता है इन वायरस के लक्षणों को अलग करना मुश्किल हो जाता है ,
इसलिए मारबर्ग वायरस की जांच के लिए एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट ,सीरम न्यूट्रलाइजेशन टेस्ट ,आरटी -पीसीआर और सेल कल्चर मेथड का यूज़ किया जाता है। जब बीमारी की पहचान पूरी तरह हो जाती है तो दवा का उपयोग किया जाता है।
मारबर्ग वायरस पता लगने पर क्या करें-
करोना वायरस से भी खतरानकहै मारबर्ग वायरस। इसमें लक्षणों का पता लगा भी मुश्किल होता है समान्य बीमारी की तरह ही इसके शुरू के लक्षण होते है ,इस वायरस से संक्रमित लोगो को बचा पाना वैसे तो बहुत मुश्किल है ,
लेकिन पता चलने पर कुछ उपाए जरूर करे मारबर्ग वायरस से सक्रमित पेशेंट के डाइट में अधिक से अधिक लिक्विड दे ,ग्लूकोस दे डिहाइड्रेशन से पेशेंट को बचाने का प्रयास करें। पेशेंट को स्ट्रैस से बचाये। पेशेंट को क्वारंटाइन करें और उससे उचित दुरी बनाए।
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