सूरज पंचोली को कोर्ट ने जिया खान सुसाइड मामले में किया बरी , आत्महत्या के लिए उकसाने का था आरोप

सूरज पंचोली को कोर्ट ने जिया खान सुसाइड मामले में बरी किया , आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था  .

जिया खान सुसाइड केस में फैसला –

नफीसा रिजवी खान उर्फ जिया खान एक ब्रिटिश-अमेरिकी नागरिक थीं. बॉलीवुड में साल 2007 में निःशब्द फिल्म से डेब्यू की थी ,जिया एक्ट्रेस के साथ -साथ सिंगर भी थी। साल 2008 में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म आमिर खान स्टारर गजनी में भी एक स्टूडेंट का रोल प्ले किया था।

3 जून 2013 को एक्ट्रेस का शव उनके मुंबई स्थित घर पर मिला था. जिया के घर से पुलिस को 6 पन्नों का लेटर मिला था. जिसमें जिया ने अपने सारे दुःख दर्द बया किया था। जिया के उस लेटर में कथित तौर पर ” सूरज पंचोली के साथ अंतरंग संबंध, शारीरिक शोषण और मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना” के बारे में बताया गया था, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली थी. सीबीआई की चार्ज शीट में दाखिल किए गे इस लेटर में एक्ट्रेस ने पंचोली पर टार्चर करने, धोखा देने और झूठ बोलने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इस लेटर ने केस को नया मोड़ दिया था.

सूरज पंचोली पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप-

जिया के घर से मिले लेटर के आधार पर सूरज पंचोली को आरोपी मानकर पुलिस ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था। जिन्हें बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। थी। पिछले हफ्ते सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एएस सैय्यद ने दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद मामले में अपना फैसला 28 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.

एक्ट्रेस की माँ ने हार नहीं मानी –

सूरज पंचोली ने आरोपी होने जब मना कर दिया तब ,जिया खान की राबिया ने दोबारा कोर्ट में अर्जी डाली थी। उन्होंने जिया खान के आत्महत्या करने से इंकार किया था और इसको हत्या बता कर कोर्ट में याचिका दायर की थी ,उनकी याचिका पर ही कोर्ट ने जांच सीबीाई को सौंपी थी.
एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में जिया खान की मां राबिया खान ने कहा, हमने फैक्चुअल एविडेंस के आधार पर सच्चाई को सामने लाने में 10 साल लगा दिए हैं. अब, यह अदालत पर निर्भर है कि वह सही निष्कर्ष निकाले.एक्ट्रेस की माँ ने प्रधानमंत्री मोदी से भी मदद मांगी थी.

जिया की माँ ने दायर याचिका में क्या कहा ?

मां राबिया के द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि फर्स्ट इंफॉर्मेट एविडेंस में मृतक के साथ रिलेशनशिप के दौरान आरोपी के फिजिकल और मेंटल दुर्व्यवहार को हाईलाइट करता है. जो क्लियरली आरोपी की हिंसक प्रकृति को बया करता है, जिसे गवाह मेनका हरिसिंघानी द्वारा सपोर्ट किया गया था. हालाँकि वह बाद में इसकी विरोधी गई थीं.

 

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