अवैध काम और सोती सरकार..

दिल्ली यूं तो अवैध कारोबार के मामले में कभी पीछे नहीं रहा, लेकिन इनके वजह होने वाली समस्याओं ने आम जनता की तकलीफों को बढ़ा दिया है..

जी हां, हम बात कर रहे है दिल्ली में चल रहे एक ऐसे अवैध कारोबार की जिसकी जानकारी कम ही लोगों को होगी लेकिन इसके वजह से होने वाली परेशानियां हदें पार करती जा रही है..

आपको बता दें कि सुल्तानपुरी सी ब्लॉक में अवैध तरीके से मछलियों का कारोबार किया जाता है वैसे तो यह मार्केट करीब 500 मीटर के अंतर्गत है लेकिन इसका हिसाब वहा से गुजरने वाले या यूं कह लें की आस पास के बेस लोगों को चुकाना पड़ता है.

जानकारी के अनुसार इस मार्केट में जो गाड़ियों का गंदा पानी होता है उसे वहा के कारोबारी रोडों में ही बहा देते है,,,,जिसकी वजह से वहा गंदगी बढ़ती जा रही है साथ ही साथ ही जाम लगने के वजह से वहा से गुजरने वाले लोगो का समय खराब होता है,,

 

 

 

 

सिर्फ इतना ही नहीं, 
इस मार्केट से लगे हुए स्कूल के बच्चों को भी इस अवैध कारोबार के वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ता है जैसे की गंदगी और गंदे पानी की गंद के वजह से विद्यार्थियों को बीमारी का भी खतरा है..

लेकिन हैरान कर देने वाली बात तो यह है की आखिर इतनी समस्याएं होने के बाद भी अब तक कोई कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है जबकि इसके पास ही सुल्तानपुरी थाना स्थित है..

इस पूरे मामले की जानकारी कई दफा शासन प्रशासन को दी गई है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है की वह गूंगे बहरे हो चुके है..

यूं तो सरकार बैनर पोस्टर में “स्वच्छ भारत सुंदर भारत ” लिखकर अपना खूब प्रचार करती है किंतु इनका स्वच्छ भारत केवल पोस्टरों तक रह गया है,,,, ज़मीनी स्तर में इनकी स्वच्छता देखने के लिए आम जनता की आखें तरस गई है।

वैसे तो सत्ता पर आप की सरकार विराजमान है जिसका चिन्ह ही झाड़ू है किंतु इसका फायदा आज तक देखने को नही मिला और वह सिर्फ फ्री बिजली पानी दे कर ही संतुष्ट है वह भूल गए है की राजधानी में और भी समस्याएं मौजूद है।

इस तरह का अवैध कारोबार खुले आम सड़क पर चल रहा है और कानून की धज्जियां उड़ा रहा है लेकिन अधिकारियों के अंधेपन को देख कर लगता है की इन्हे भी सक्त कार्यवाही की जरूरत है.

ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है की आखिर कब शासन प्रशासन ज़मीनी स्तर पर काम करना शुरू करेगी
और आम जनता को थोड़ी राहत प्रदान करने का कष्ट करेगी ?

सवाल ये भी उठता है की जब राजधानी में नगर निगम जैसी व्यवस्थाएं मौजूद है तो क्या वह सिर्फ दफ्तर तक की मौजूद है या कुछ काम करने के लिए दफ्तर से बाहर भी निकलते है?
और एमसीडी से अगर चूक हो भी रही है तो बड़े अधिकारी इनको क्यों नज़रंदाज़ कर रहे है ?

इस अवैध कारोबार के मामले की पूरी जानकारी प्रसिद्ध हिंदू वादी नेता राजा जाटव ने pwd को दी है,,,, लेकिन अब देखना यह है की इस पूरे मामले पर अब प्रशासन कितना ध्यान देता है    और कोई सक्त कार्यवाही होती है    या नहीं |

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