भारत 2022 से 11 स्थान नीचे फिसला, यह लगातार दूसरा वर्ष है जब भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष से और नीचे आई है। वर्ष 2021 में भारत प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 142वें स्थान पर रहा जो पिछले साल घटकर 150 पर आ गया था | वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2023 में भारत इस साल 11 पायदान नीचे खिसक गया, 180 देशों में 160वें स्थान पर रहा। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने बुधवार को 180 देशों में पत्रकारिता की स्थिति का आकलन करते हुए वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स प्रकाशित किया। यह लगातार दूसरा साल है जब भारत की रैंकिंग पिछले साल से और नीचे आई है। वर्ष 2021 में भारत प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 142वें स्थान पर रहा जो साल 2022 में घटकर 150 पर आ गया।
रिपोर्ट के अनुसार, “पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण मीडिया और मीडिया के स्वामित्व की एकाग्रता सभी प्रदर्शित करते हैं कि प्रेस की स्वतंत्रता” दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र “में संकट में है, जो 2014 से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शासित है। आरएसएफ ने 180 देशों में पत्रकारिता की स्थिति का आकलन करते हुए बुधवार को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स प्रकाशित किया। भारत की तुलना में पाकिस्तान 150 वें स्थान पर, सात स्थान ऊपर ,जबकि नेपाल 19 स्थान खोकर 95 वें स्थान पर रहा श्रीलंका 11 अंक ऊपर चला गया और 135 वें स्थान पर रहा,
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर साल 3 मई को मनाया जाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक प्रत्येक देश में पत्रकारों और समाचार संगठनों की स्वतंत्रता की डिग्री पर प्रकाश डालता है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में देश में 100,000 से अधिक समाचार पत्र (36,000 साप्ताहिक सहित) और 380 टीवी समाचार चैनल चल रहे हैं। 1 जनवरी 2023 से अब तक देश में एक पत्रकार की हत्या हुई है जबकि 10 पत्रकार सलाखों के पीछे हैं.”हर साल औसतन तीन या चार पत्रकारों को उनके काम के सिलसिले में मार दिया जाता है, भारत मीडिया के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है,”