शराब घोटाले की कौन सी वजह से मनीष सिसोदिया पहुंचे सलाखों के पीछे ?

 

दिल्ली में शराब घोटाले के मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से लगातार पूछताछ हो रही थी , शराब निति मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ) ने गिरफ्तार कर लिया है, उन्होंने आईपीसी की धारा 120-B(आपराधिक साजिश ), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा ) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा -7 के तहत गिरफ्तार किया है।

मनीष सिसोदिया पर किन आधारों पर हुई कार्यवाई –

खबरों की माने तो सीबीआई ने दिल्ली शराब निति घोटाले मामले मे पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया के खिलाफ कई सबूत पेश किया ,इस सबूत में दस्तावेज और डिजिटल दोनों ही थे। सीबीआई का आरोप है की मनीष सिसोदिया ने कुछ सबूतों को नष्ट भी कर दिया है।वही सीबीआई द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब भी ठीक तरीके से दे रहे थे।
सीबीआई का कहना है की शराब निति को तैयार करने में मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और जीओएम के सामने शराब निति को पेश करने से पहले वो कुछ निर्देश भी दिए थे।


सीबीआई क्या कह रही है गिरफ्तारी को लेकर –

डिप्टी सीएम के गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा है कि नई शराब निति मामले में हुई लापरवाही की जाँच के लिए डिप्टी सीएम व अन्य 14 के खिलाफ केस दर्ज किया गया था ,25 दिसम्बर 2022 को 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। 19 फरवरी 2023 को उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को सीआरपीसी के धारा 41 – A के तहत मामले की जांच में सहयोग के लिए नोटिस जारी किया गया था। डिप्टी सीएम ने बजट सत्र का हवाला देते हुए व्यस्तता बताया और एक सप्ताह का समय माँगा , अनुरोध पर नोटिस एक हप्ते बाद जारी किया गया ,इस दौरान सिसोदिया ने जवाब देने में आना कानी कर रहे थे ,इसलिए उनको गिरफ्तार कर लिया गया।सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया से पूछे गए अधिकतम सवालों का जवाब ‘मुझे नहीं पता ‘ दिए है।

 

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