श्री राम जन्मभूमि मंदिर का स्वरूप शानदार दिखिए दे रहा है ,श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने तस्वीरें शेयर करते हुए बताया की मंदिर को आकार देने के लिए स्तम्भों को लगाया जा रहा है। स्तंभ लगने के बाद मंदिर का आकर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार 10 फरवरी को राम मंदिर के निर्माण के तजा तस्वीरें साझा करते हुए बताया की ,मंदिर अब दिव्य स्वरूप में दिखाई देने लगा है ,मंदिर को आकर देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है और उन स्तम्भों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज –
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महा सचिव ने बताया की राम मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से हो रहा है मंदिर को आकर देने के लिए स्तम्भों को लगया जा रहा है ,स्तम्भ लगने के बाद मंदिर का आकर स्पष्ट दिखाई देने लगेगा एक-एक पत्थरो को जोड़कर हाथ बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ,मंदिर का निर्माण के साथ में ही परकोटे का भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
जानकारी के मुताबिक दिसम्बर 2023 तक भगवन राम का गर्भ गृह बन कर तैयार हो जायेगा और जनवरी 2024 यानि मकर संक्रांति के बाद गर्भगृह का द्वार भक्तो के लिए भी खोल दिया जायेगा हलाकि मंदिर के और दूसरे काम होते रहेंगे ,यहाँ पर राम दरबार के आलावा माता अन्नपूर्णा ,भगवन शिव ,बजरंगबली और साई मंदिर का निर्माण होगा।
माघ के पूर्णिमा के दिन गर्भगृह की नींव –
रामलला के मंदिर में गर्भगृह की नींव माघ माह के पूर्णिमा तिथि , पुष्य नक्षत्र को सर्वार्थ सिद्धि योग का मंगल मुहूर्त में हुआ। , आयोध्या के जिला अधिकारी नीतीश कुमार अपनी पत्नी के साथ मुख्य यजमान रहे, वैदिक विधि विधान से पूजन करने के बाद संगमरमर की अलंकृत शिला वह स्थापित की गई ,तद्पश्चात गर्भगृह का कार्य शुरू हो गया है।
शुभ घडी में रामलला की पहली आधार शिला रखी गई। मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाले विग्रहो में अगले साल मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी इसकी लिए मंदिर के निर्माण का कार्य ख़फ़ी तेजी से हो रहा है।
शालीग्राम शिलाओं से तरासी जाएगी राम लला की मूर्ति –
नेपाल के दामोदर क्षेत्र में काली गंडकी नदी से निकल कर लाई गई दो बड़ी शालिग्राम शिलाओं से भगवान राम लला और जानकी माता की मूर्ति बनाई जाएगी ,जिसको तरसने का कार्य शुरू हो गया है ,उस मूर्ति को ही मंदिर में स्थापित किया जायेगा।
शालिग्राम की दो शिलायें मूर्ति बनाने के लिए इसलिए भी ले गई है क्योंकी माना जाता है की शालिग्राम में सक्षात भगवान विष्णु निवास करते है ,दिव्य ,दुर्लभ मानी जाने वाली श्याम आभा वाली दोनों शालिग्राम शिलाएं श्री विष्णु के सवरूप है और दूसरा ये की शालिग्राम से निर्मित प्रतिमाये का कभी क्षरण नहीं होती और ये सदियों तक उसी रूप में रहती है।
अयोध्या एयरपोर्ट पर दिखेगी श्री राम मंदिर की झलक –
आयोध्या का एयरपोर्ट राम भक्तो के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी , नवनिर्मित मर्यादा पुरुषोत्तम एयरपोर्ट साल के आखिरी तक बन कर तैयार ही नहीं बल्कि उसका संचालन भी शुरू हो जायेगा ,वह पर वो सारी सुविधाये मिलेंगी जो बड़े एयरपोर्ट पर होती है। आयोध्या आने वाले रामभक्त सिर्फ हवाई सफर का ही आनंद नहीं ले सकेंगे बल्कि उसके साथ साथ उनको एयरपोर्ट से ही राम मंदिर की झलकिया मिलने लगेंगी। आयोध्या के एयरपोर्ट का स्ट्रक्चर उसी पत्थर से तैयार किया जा रहा है जिस पत्थर से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है ,देश विदेश से भी राम भक्त आसानी से दर्शन के लिए आ सकेंगे।
एयरपोर्ट डायरेक्टर राजीव कुलश्रेष्ठ के अनुसार ,”मंदिर के छबि के आधार पर ही एयरपोर्ट का लुक दे रहे है ,इसी कोशिश में है कि निर्माण कार्य जल्दी से पूरा हो और पत्थर के आने में देरी न हो ,क्योकि इस पत्थर की खपत बहुत ही ज्यादा है इसलिए सप्लाई में भी टाइम लगता है। ”
अयोध्या में एयरपोर्ट क्यों हो रही इतनी देर-
आयोध्या का मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट ऐसा होगा की राम भक्तो को यहाँ पहुंचते ही राम मंदिर की झलकियां मिलने शुरू हो जाएगी आयोध्या एयरपोर्ट के डायरेक्टर से पूछने पर की एयरपोर्ट में देर क्या हो रही है तो उन्होंने बताया की , राम मंदिर का निर्माण और एयरपोर्ट का निर्माण कार्य दोनों एक ही पथग्रो से हो रहे है ,सप्लाई में टाइम लगता है.
राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया की ,” फेज वन के लिए हमारा डे – नाइट में लैंडिंग का प्रपोजल था ,वह बाद में नाइट लैंडिंग में कन्वर्ट किया ,नाईट लैंडिंग की वजह से हम लोग कुछ पैरामीटर चेंज हुए है ,उसकी वजह से लगभग जून तक काम कंप्लीट करेंगे ,इसी के चलते हम लोगो ने रनवे को 900 मीटर शिप्ट किया है ,रनवे बिल्डिंग में भी कुछ बदलाव और इलेक्ट्रिक रनवे का काम पूरा करेंगे। ”जून माह में निर्माण के बाद एयरपोर्ट का निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और अगस्त तक लाइसेंस मिलने के बाद सितम्बर या अक्टूबर माह में विमानों का संचालन शुरु हो जायेगा।
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