स्वामी प्रसाद ने बाबा बागेश्वर को बताया आतंकवादी ?

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेतुके बयान को लेकर एक बार फिर से चर्चा में आ गए है. इस बार उनके निशाने पर और कोई नहीं बल्कि बागेशवर बाबा आ गए है. पिछले दिनों श्री रामचरितमानस को लेकर दिए विवादित बयान पर चर्चाएं अभी थमी भी नहीं थी कि अब स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर कुछ अतरंगी बोल बैठे है. सपा नेता ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए देश की बाबाओं की तुलना आतंकवादियों से कर दी है. उनका कहना है कि आजकल बाबा तपस्याओं पर ध्यान नहीं देते बल्कि नाक और जीब काटने की बात करते है.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने अतरंगी बयानों को लेकर अकसर चर्चाओं में बने रहते है. एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा ही कह दिया है. जिससे लोगों का गुस्सा उनपर उमड़ आया है. सोनभद्र पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब मीडिया से बातचीत की तो उन्होंने बागेश्वर धाम के बारे में भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर बागेश्वर बाबा वाकई में चमत्कारी है तो चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते है. चीन हमारे साथ बार्डर पर लड़ता रहता है अगर उसे भस्म खत्म कर देंगे तो सारी परेशानी ही खत्म हो जाएंगी.

स्वामी प्रसाद

बाबा बागेश्वर को बताया आतंकवादी ?

दरअसल 12 फरवरी को समाजवादी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य एक दिवसीय दौरे पर सोनभद्र पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रेस से वार्ता करते हुए बागेश्वर धाम को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आजकल के बाबा को जप और तप में भरोसा नहीं रहा है वो लोग तो अब सिर और जीब काटने की बात करन लगे है. अब वो बाबा नहीं बल्कि आतंकवादी हो गए है. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयाने के बाद एक बार फिर से जनता का गुस्सा देखने को मिल रहा है.


इसके अलावा सपा नेता के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान को लेकर भी लोग काफी भड़के हुए है और उनपर लगातार सवाल उठाया जा रहा है. इसी बीच सोनभद्र में उनपर कुछ लोगों ने स्याही फेंकने की भी कोशिश की थी. इसी सवाल पर सपा नेता ने कहा कि रास्ते में कुछ लड़कों ने मुझपर स्याही फेंकने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें समय रहते पकड़ लिया और आगे की कार्यवाही की. बता दें कि रामचरितमानस पर दिए बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य को हर जगह गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.

स्वामी प्रसाद

रामचरितमानस से हटाई जानी चाहिए ये चौपाईया


इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस की कुछ चौपाईयों पर हमे आपत्ति है जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में ताड़ना का अर्थ अब शिक्षा बता रहे है तो किसे पढ़ाओगे जानवर को, यह तो उसी गोरखपुर प्रेस में छपा है. उन्होंने लगे हाथ ओम प्रकाशराजभर पर भी तंज कसते हुए कहा कि रामचरितमानस के छंद हमसे पूछ लेते तो हम ही उन्हें बता देते है.

वहीं समाजवादी पार्टी के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रहा हूं. वह अभी बच्चे हैं उन्हें बातों को समझने में अभी वक्त लगेगा, मैंने केवल महिलाओं आदिवासियों पर शोषण की चौपाई को संशोधित करने की बात कही है.

जिस बात को इतना बड़ा बना दिया गया. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई का चुनावी समय में विरोध करने का चुनाव से कोई मतलब नहीं है, देश की महिलाएं आदिवासी पिछड़ों से है. सपा नेता ने आगे कहा कि इन लोगों का रोज शोषण किया जाता है लेकिन वोट लेने का समय आता है तो आदिवासी दलित हिंदू हो जाते हैं और अगर ऐसा है तो रामचरितमानस की चौपाई या रामचरितमानस को प्रतिबंधित किया जाएं.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने बाद भी कोई रोजगार उपलब्ध नही

सोनभद्र पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता ने तो यह तक कह दिया कि मैं हर धर्म का सम्मान करता हूं. भारत देश में सभी एक समान हैं. किसी भी धर्म का अपमान नहीं करता और न मैंने किया. उन्होंने कहा कि वह वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करते है. इसके अलावा उन्होंने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर भी बात की और कहा कि समिट हवा-हवाई है इससे पहले भी कई इन्वेस्टर्स समिट हो चुके है फिर भी कोई रोजगार उपलब्ध नही होता. यह सिर्फ एक दिखावा है.

दरअसल कुछ समय पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्री रामचरितमानस को लेकर बड़ी बता कह दी थी. उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के कुछ छंद और चौपाई गलत है जिन्हें हटा देना चाहिए. उनका कहना था

कि रामचरितमानस की कुछ चौपाईयों में आदिवासी महिलाओं को प्रताड़ित और अपमानित किया जाता है. उनके इस बयान से पूरी सियासत में उठा-पटक शुरू हो गई थी. हालांकि कुछ दिनों तक पार्टी ने इसपर चुप्पी साधी हुई थी लेकिन आखिर में पार्टी के प्रवक्ता ने कहा था कि रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान उनका आपसी विचार हो सकता है.

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