Paper leak देश के कई राज्य ऐसे है जहाँ पेपर लिक के मामले सामने आये है और ये ऐसा दौर है जहा बेईमानी का ब्लैक बहुत ज्यादा है ,पेपर लीक ऐसी समस्या है जिससे हर कोई प्रभावित है ,हर घर परिवार में एक युवा ऐसा जरूर होता है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा होता है और एक पेपर लीक हो जाने से उसके भविष्य पर ,उसके बरोसो की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
हमारे देश में पेपर लिक नहीं हो रहा बल्कि हमरे युवाओं का भविष्य वीक हो रहा है, उनके सपने टूट रहे है और ईमानदारी पर उनका विश्वास भी टूट रहा है। पेपर लीक एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है, देश के अलग अलग राज्यों में पेपर लीक की खबरे आ रही है युवाओ के हौसलों को कमजोर कर रही है।
Paper leak से छात्र परेशान है ,गुजरात ,राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड पेपर लीक का बहुत बड़ा उदाहरण है।
उत्तराखंड में हुए पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों में आक्रोश है ,उसके विरोध में छात्रो ने प्रदर्शन किया तो राज्य में तनाव का माहौल हो गया है राज्यों में सरकारें भले अलग अलग दल की है ,लेकिन बेरोजगारी सहने वाले सब एक समान है।
गुजरात में पेपर लीक होने पर रोका रद्द हुआ परीक्षा –
गुजरात में पेपर लीक होने के कारण सरकारी क्लर्क भर्ती परीक्षा को रोक दिया गया था , जिसमें 1181 पदों के लिए 9 लाख से भी ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन भरे थे। परीक्षा रद्द होने पर परीक्षार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा ,परीक्षार्थियों ने जगह जगह चक्का जाम किया ,बसों के शीशे तोड़े ,टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
गुजरात एटीएस पिछले पेपर लीक की घटनाओं से जुड़े लोगों पर लगातार नजर रखी हुई थी वडोदरा से 15 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया ,सरकार ने परीक्षा रद्द कर दिया। सरकार के कड़े उपायों के बावजूद जूनियर क्लर्क पद की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। जिसके वजह से लाखो परीक्षार्थियों के मेंहनत पर पानी फिर गया।
राजस्थान में पेपर लीक मामला –
भर्ती परीक्षा में नौकरी पाने की आस में युवा पास तो बाद में होंगे उससे पहले पेपर कराने में सरकार ही फेल हो जा रही है ,राजस्थान में पेपर लीक से भर्ती परीक्षा रद्द होने से 70लाख युवाओ का सपना टूट चूका है ,
क्या पेपर लीक होने का सबसे बड़ा कारण सरकार का वीक होना है ?
उत्तराखण्ड पेपर लीक मामला –
उत्तराखंड में 8 जनवरी को पटवारी भर्ती का पेपर लीक हो गया था ,परीक्षा को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने कराया था ,STF को खबर हुई की पटवारी का परचा लीक हो गया है। पेपर लीक को लेकर उत्तराखण्ड में बहुत बवाल हो रहा है देहरादून में युवा प्रदर्शन कर रहे है। उत्तराखंड में पिछले 2 साल में जितने भी भर्ती परीक्षाएं हुई उसमे पेपर लीक और ढहढली के गंभीर आरोप लगे। कुछ पेपर तो ऐसे थे जिनको एक पद पर करीब 175 लोग आवेदन करते है और पेपर दे भी दिया और बाद में पता चला की पेपर तो पहले ही लीक हो गया था।
पेपर लीक कौन है जिम्मेदार –
छात्र जब पेपर देने घर से निकलते है तो वो सिर्फ पेपर देने नहीं जाते है बल्कि अपना और देश दोनों का भविष्य के सपने लेकर जाते है लेकिन परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से पहले ही उनके ये सपने दम तोड़ देते है। करोड़ो युवा की नौकरी के नाम पर बुलाने वाला कौन है , सबसे पहले इन युवाओं के सपनो को तोड़ने वाला पेपर लीक करने वाले माफिया एयर कुछ वो छात्र जो मेहनत करने के वजाये अपर माफिया से चंद पैसे देकर पेपर खरीद भर्ती इम्तहान पास करना चाहते है।
वो कोचिंग संस्थान भी जिम्मेदार है जो कोचिंग को बाजार बना रखा है वो कोचिंग मालिक जो अपने यहाँ से ज्यादा से ज्यादा भर्ती दिखने के लिए पेपर माफिया के साथ हाथ मिलाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते है सबसे ज्यादा जो जिम्मेदार है पेपर लीक का तो वो है राज्य सरकारें जो नौकरियों की भर्ती को लटका कर रखती है बेरोजगारी बढ़ने देती है , एक पद के लिए सैकड़ो दावेदार हो जाते है। सरकारों के लापरवाही से पद काम और बेरोजगार ज्यादा हो जाते है.
पेपर लीक कहा से हो रहे है –
पेपर लीक सबसेपहले तो वह से हो सकता जहा पेपर सेट हो रहे है ,पेपर सेट करने वा ही अगर ईमानदार न हो तो .
दूसरा प्रिंटिंग प्रेस जो जहा से पैर प्रिंट होकर आता है ,तीसरा है प्रिंटिंग प्रेस से सेंटर तक लेन के रास्ते में किसी ने नियत में खोट हो तो ,और चौथा है पेपर लीक हो सकता जहा प्रश्न पत्र रखा जाता है ,प्रश्नपत्र रखने का ट्रेजरी स्ट्रांग रूम जहा पेपर रखा जाता है.
पेपर सेट करने के लिए 3 – 4 अलग अलग ग्रुप चुना जाता है ,प्रिंटिंग प्रेस भी दूसरे राज्य तक का चुना जाता है प्रॉपर को लेन के लिए अलग अलग रुट तय किया जाता है जहा सुरक्षा का कड़ा पहरा होता है, ट्रेजरी स्ट्रांग रूम सीसीटीवी के निगरानी में होता है। सवाल यह है की इतनी सुरक्षा के बीच भी देश के अलग अलग राज्यों में पेपर लीक हो रहे है।
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