10 अप्रैल यानी की सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। कुछ पार्टियों की राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा भी समाप्त कर दिया है।
केन्द्रीय चुनाव आयोग का कहना है कि इन दलों को 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे लेकिन वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए उनका यह दर्जा वापस ले लिया गया है।
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ट्वीट कर कहा कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत बहुत बधाई। देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहाँ तक पहुँचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है।
साथ ही ये भी बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि वह राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक इसकी घोषणा नहीं की थी। आखिरकार सोमवार यानी 10 अप्रैल को निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया।
कब मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
एक राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं जिसमें पहली तो ये है कि किसी भी पार्टी की कम से कम तीन राज्यों में लगभग 11 लोकसभा सीटें होनी चाहिए। इसके अलावा एक ये भी नियम है कि अगर कोई पार्टी 4 राज्यों में राज्य पार्टी की कैटिगरी में शामिल हो जाती है तो उसे मान्यता मिल जाती है। बता दें कि अब राज्य पार्टी की कैटिगरी में शामिल होने के लिए पार्टी को एक राज्य के विधानसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट/2 सीटें निकालनी होती हैं। अगर उसका वोट प्रतिशत 6 से कम है तो सीटों की संख्या 3 होनी चाहिए।
कितने राष्ट्रीय दल हैं?
1. कांग्रेस
2. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
3. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
4. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)
5. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
6. आम आदमी पार्टी (आप)