उमेश पाल अपहरण केस में आज (28 मार्च ) प्रयागराज के एमपी – एमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने अपने फैसले में अतीक अहमद सहित दो अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है। वही अशरफ सहित सात अन्य लोगों को उमेश पाल हत्याकांड से दोषमुक्त का दिया है।
क्या है पूरी घटना ?
साल 2005 में बसपा के नेता राजू पाल की हत्या कर दी गई और इस हत्या का चश्मदीद गवाह था उमेशपाल। राजू पाल के मर्डर के पीछे अतीक और अशरफ का हाथ था ,और ये दोनों चाहते थे की उमेश पाल , राजू पाल के मर्डर की गवाही ना दे ,इसलिए उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अतीक ने अपने गुंडों से अपहरण करवा दिया ,अतीक उमेश पाल से सिर्फ कोर्ट में ये कहलवाना चाहता था की राजू पाल के मर्डर के समय वह वो मौजूद नहीं था ,लेकिन वो चुप रहा और फिर एक साल बाद बसपा की सरकार आई और वो अतीक के खिलाफ जाकर अपने अपहरण का केस दर्ज कराया।
कौन – कौन थे आरोपी –
उमेश पाल ने 10 लोगों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ FIR दर्ज कराया था ,जसमें अतीक अहमद , अशरफ ,दिनेश पासी ,खान सौलत हनीफ ,इसरार ,आबिद प्रधान , जावेद ,फरहान ,मल्ली और एजाज अख्तर थे। लेकिन कोर्ट के फैसले से पहले ही बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में बदमाशों ने उमेश पाल की बेरहमी से दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। आज (28 मार्च ) कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
उमेश पाल के परिवार वालों को इंसाफ का इंतज़ार –
पहले उमेश पाल अपहरण कांड था अब उमेश पाल मर्डर केस में , उमेश पाल के परिवार वालो को कोर्ट से इंसाफ का इंतज़ार है ,उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट अतीक और अन्य अपराधियों को सख्त से सख्त सजा सुनाएगी जिससे की कोई भी अपराध करने से पहले लोग अतीक को याद करे और अपराध करने से पीछे हट जाये। अतीक को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए।