शनिवार यानी 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में तीन लोगों ने तुरंत सरेंडर कर दिया। पुलिस कस्टडी में हुई इस हत्या से विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है। तो वहीं विदेशी मीडिया में भी यह मामला सुर्खियों में है। यूपी में इस घटना के बाद से ही पूरे राज्य में एक अजीब तरह का तनाव महसूस किया जा सकता है।
अब पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी अखबार डॉन, एक्सप्रेस ट्रिब्यून और बीबीसी जैसी विदेशी मीडिया ने अतीक हत्याकांड पर खबर छापी है। डॉन ने अपनी हेडलाइन में पूर्व सांसद और लाइव टीवी पर हत्या का जिक्र किया। बता दें कि पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून ने एक कदम आगे बढ़ कर अतीक के कत्ल को एक मुस्लिम का कत्ल करार देने की कोशिश की है।
बता दें कि विदेशी मीडिया ने अतीक की उस चिंता का भी जिक्र किया, जिसमें उसने अपनी जान का खतरा होने की बात कही थी। बीबीसी ने अतीक को माफिया कहा है तो वहीं रॉयटर ने पूर्व सासंद कह कर अपनी खबर में संबोधित किया है। बीबीसी ने लिखा कि यह सबकुछ एक मिनट के अंदर हुआ है। अतीक और उसका भाई जब पुलिस वालों से घिरा था तभी एक बंदूक कनपटी पर लगी और गोली चली। इसके बाद कई और लोगों ने फायरिंग की।
विदेशी मीडिया ने घटना के साथ ही विपक्ष के बयानों को भी छापा है। अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘आरोपी पत्रकार बन कर आए थे।हत्या के बाद जय श्री राम का नारा लगाया गया जो मुस्लिमों के खिलाफ अभियान में हिंदू राष्ट्रवादियों का एक युद्धघोष बन गया है। दोनों ही भारत के अल्पसंख्यक समुदाय से थे।
16 अप्रैल की रात को अतीक और अशरफ अहमद को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद दोनों भाईयों के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। दि गई जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद को आठ और अशरफ को पांच गोलियां लगी हैं। दोनों के शव को कब्रिस्तान लाया गया और चंद लोगों की मौजूदगी में उन्हें दफन किया गया।
कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन
अतीक अहमद और अशरफ अहमद को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफन किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों शवों को कब्रिस्तान लाया गया। शाम करीब छह बजे दोनों शव कब्रिस्तान लाए गए। इस दौरान सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही मौजूद रहे जिनमें कुछ महिलाएं भी थीं। रिश्तेदारों की उपस्थिति में दोनों भाईयों का अंतिम संस्कार हुआ। हालांकि रिश्तेदारों के अलावा अंतिम संस्कार में शामिल होने आए अन्य लोगों के आधार कार्ड देखकर ही उन्हें कब्रिस्तान में दाखिल होने दिया गया।
क्या लिखा पाकिस्तानी अखबार ने
डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘दोनों भाई भारत के आपराधिक अंडरवर्ल्ड में शामिल थे। पूर्व सांसद पर कथित तौर पर 100 से ज्यादा मामले थे। उन पर हमला करने वाले छोटे अपराधी थे। अतीक अहमद ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में पुलिस से जान का खतरा बताया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि, ‘जिस जगह हत्या हुई वे यूपी हैं। जहां भारत की सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी का शासन है।