नया संसद भवन बनकर पूरी तरह से तैयार है. 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे. विरोधी दलों को इस पर ऐतराज है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. संसद भवन के उद्घाटन समारोह में देश की कई दिग्गज पार्टियां शामिल नहीं होंगी. कांग्रेस, नेशनलिस्ट काग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, जेडीयू समेत कई पार्टियों ने साफ किया है कि वे उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बनेंगी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विरोधी दलों का कहना है कि यह उद्घाटन, प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति को करना चाहिए.
पीएम मोदी की ओर से नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर विरोधी पार्टियों का कहना है कि वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद भवन का उद्घाटन न कराये जाने से निराश हैं. यह हक राष्ट्रपति का होना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री का. यही वजह है कि विरोधी पार्टियां, उद्घाटन समारोह से एक के बाद एक करके किनारा कर रही हैं |
विरोधी दलों का तर्क भी बेहद दिलचस्प है. उनका कहना है कि बायकॉट इस वजह से कर रहे हैं क्योंकि विधायिका के सर्वोच्च भवन का उद्घाटन भी, राष्ट्रपति को ही करना चाहिए. ज्याादतर केंद्र के विरोधी दलों का कहना है कि संसद, देश की विधायिका का सर्वोच्च भवन होता है. इसका उद्घाटन, संवैधानिक पदों पर बैठे शीर्ष पदधारियों को करना चाहिए
कांग्रेस शुरू से ही नए भवन के निर्माण को लेकर सवाल उठाती रही है. जब निर्माण शुरू हुआ था तब भी कांग्रेस ने कहा था कि सरकार टैक्स देने वालों के पैसे को बर्बाद कर रही है. गुरुवार को भी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के नये भवन की समीक्षा करती तस्वीर ट्वीट करते हुए तंज कसा. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने मोदी की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “28 मई को उद्घाटन किये जाने वाले नये संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और मजदूर तस्वीर सबकुछ बयां करती है. व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा वाला प्रोजेक्ट.